घनन घन घनान घनन घन घनान घनन घन घनान
घनन घन घनान घनन घन घनान घनन घन घनान
घनन घन घनान घनन घन घनान घनन घन घनान
धमक धमक गूंगे बद्र के डंके
चमक चमक देखो बिजुरिया चमके
काले मेघा, काले मेघा पानी तो बरसाओ
काले मेघा, काले मेघा पानी तो बरसाओ
बिजुरी की तलवार नहीं, वरदानों के बन चलाओ
बरसाने वाला है अब अमृत जल
धमक धमक गूंगे बद्र के डंके
चमक चमक देखो बिजुरिया चमके
रस अगर बरसेगा, कौन फिर तरसेगा
कोयलिया गायेगी बैठी मुंडेरो पर
जो पांची गायेंगे, नए दिन आएंगे
उजाले मुस्कान देंगे अंधेरो पर
प्रेम की बरखा में भीगे तन मन्न
धरती पे देखेंगे पानी का दर्पण
है पहनने सात रंगो की चुनरियां
धमक धमक गूंगे बद्र के डंके
चमक चमक देखो बिजुरिया चमके
पेड़ों पर झूले डालो, और उंची पेंग बढ़ाओ
काले मेघा, काले मेघा पानी तो बरसाओ
काले मेघा, काले मेघा पानी तो बरसाओ
बिजुरी की तलवार नहीं, वरदानों के बन चलाओ
अरे एह एह, एचएम मिमी मिमी मिमी
मिमी मिमी मिमी मिमी, ओह ओह ओह ओह
आई है रात मटवाली, बिछने हरियाली
ये अपने संग में लायी है सावन को
ये बिजुरी की पायल, ये बादल का आंचल
सजाने लायी है धरती की दुल्हन को
डाली डाली पेहनेगी फूल के कंगन
खिलेगी अब काली काली, हांसेंगी अब गली गली
जला दे जो तन मन वो धूप ढली
काले मेघा, काले मेघा पानी तो बरसाओ
बिजुरी की तलवार नहीं, बूंदो के बन चलाओ
धमक धमक गूंगे बद्र के डंके
घनन घनन घनान घनन घनन घनान
घनन घनन घनान घनन घनन घनान
घनन घनन घनान घनन घनन घनान
घनन घनन घनान घनन घनन घनान