बनके तितली दिल उड़ा उड़ा उड़ा है कही दूर
बनके तितली दिल उड़ा उड़ा उड़ा है कही दूर
छलके खुश्बू से जुड़ा जुड़ा जुड़ा है कही दूर
हादसे ये कैसे अनसुने से जैसे
बनके तितली दिल उड़ा उड़ा उड़ा है कही दूर
सिर्फ़ कह जाो या आस्मा पे लिख डू
तेरी तारीफो मे चश्मे बद्दूर
बनके तितली दिल उड़ा उड़ा उड़ा है कही दूर
छलके खुश्बू से जुड़ा जुड़ा जुड़ा है कही दूर
कांगियो से तेज तीर कितने छ्चोड़ ए
उड़ती फिरती पांच्छियो के रुख़ भी मोड
अधूरी थी ज़रा सी मैं पूरी हो रही हू
बनके तितली दिल उड़ा उड़ा उड़ा है कही दूर
छलके खुश्बू से जुड़ा जुड़ा जुड़ा है कही दूर
चीज़ क्या है ख्वब्दारी हमने जानी
होती क्या है राज्ड़री हमने जानी
जो दिल को भा रही है वो तेरी शायरी है
बनके तितली दिल उड़ा उड़ा उड़ा है कही दूर
हादसे ये कैसे अनसुने से जैसे
बनके तितली दिल उड़ा उड़ा उड़ा है कही दूर
सिर्फ़ कह जाो या आस्मा पे लिख डू
तेरी तारीफो मे चश्मे बद्दूर
बनके तितली दिल उड़ा उड़ा उड़ा है कही दूर
छलके खुश्बू से जुड़ा जुड़ा जुड़ा है कही दूर
WRITERS
AMITABH BHATTACHARYA, VISHAL DADLANI, CHARULATHA MANI, MADHUMITHA MANI, SHEKHAR RAVJIANI