एक अजनबी, हसीना से, यूँ मुलाकात, हो गई
एक अजनबी, हसीना से, यूँ मुलाकात, हो गई
फिर क्या हुआ, ये ना पूछो, कुछ ऐसी बात, हो गई
एक अजनबी, हसीना से, यूँ मुलाकात, हो गई
वो अचानक आ गई, यूँ नज़र के सामने
जैसे निकल आया घटा से चाँद
वो अचानक आ गई, यूँ नज़र के सामने
जैसे निकल आया घटा से चाँद
चेहरे पे ज़ुल्फ़ें, बिखरी हुई थीं
एक अजनबी, हसीना से, यूँ मुलाकात, हो गई
जान-ए-मन जान-ए-जिगर, होता मैं शायर अगर
जान-ए-मन जान-ए-जिगर, होता मैं शायर अगर
मैं ने ये कहा तो, मुझसे ख़फ़ा वो
एक अजनबी, हसीना से, यूँ मुलाकात, हो गई
फिर क्या हुआ, ये ना पूछो, कुछ ऐसी बात, हो गई