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Lyrics
ओ ऐ या ऐ ओ ओ ऐ या ऐ ओ
दिल की क्लास की घंटी जो बजी
आई यादें वो सारी दौड़ के
किस्से फिर मिले
हा रख लूँ में उन्हे
कुछ पन्ने किताबों के मोड़ के
फिर से वो गली
है तू जो ले चली
तो ठहरू मैं थोड़ा सा यहीं
हु रुका हाँ हाँ ज़िंदगी
तू बढ़ा हाँ हो ज़िंदगी
हूँ ग़लत तो बता ज़िंदगी
दे दे सच का पता ज़िंदगी
ओ ऐ या ऐ ओ ओ ऐ या ऐ ओ

हो प्यारे थे भरम भी
हम थोड़े बेशर्म भी
ना कोई थी शरारत आख़री
बचपने में जो सताए
थे सामने पर भुलाए
उन यारोँ से जेबे फिर भरी
होके रूबरू अब आखों में भरु
वो लम्हे जो जिए थे कभी
अब भले तू सता ज़िंदगी
माफ़ तेरी ख़ता ज़िंदगी
ले मैं फिर से चला ज़िंदगी
क्यूँ रुका था भला ज़िंदगी
ओ ऐ या ऐ ओ ओ ऐ या ऐ ओ
ओ ऐ या ऐ ओ ओ ऐ या ऐ ओ

WRITERS

BHARGAV PUROHIT, JIGAR MUKUL SARAIYA, SACHIN JAYISHORE SANGHVI

PUBLISHERS

Lyrics © Sony/ATV Music Publishing LLC

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